यह सचमुच बड़ी कार्रवाई थी। 26 फरवरी को सुबह साढ़े तीन बजे के आसपास भारतीय वायुसेना के मिराज
2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा के पार एक बड़े आतंकवादी कैंप पर हमला बोला।
आधिकारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन कहते हैं कि कैंप को पूरी तरह तबाह किया
जा चुका है। सवाल उठेंगे कि दिनों से घोषणा हो रही थी तो वहां कितने दुश्मन होंगे, कितना नुकसान हुआ
होगा। बड़ी कार्रवाई की लेकिन बिना घोषणा के गुपचुप की होती तो ठीक होता। कई सारी
चीजें कही जाएगी। लेकिन एयर स्ट्राइक है तो लाजमी है कि बहुत अंदर जाकर कार्रवाई की
गई होगी। लिहाजा कुछ सवाल ठीक नहीं है। लेकिन जब जब सेना बोलती है तब तब तत्कालीन
सरकारों को बातचीत करने में बहुत सारी सहूलियतें होती हैं।
सवाल तो होंगे
ही। सवाल है भी। लेकिन इतनी बड़ी कार्रवाई का असर भी बड़ा होता है। राजनीतिक रूप से, सामरिक रूप से और
दूसरे कई दृष्टिकोण से भी। आधिकारिक बयान आना बाकी है, लेकिन जो खबरें हैं
उसके मुताबिक पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर के ट्वीट आधी-अधूरी कहानी
बयां कर ही जाएंगे। सुबह 5 बजे से उन्होंने ट्वीट करना शुरू कर दिया था। स्वयं
पाकिस्तान ने ही भारतीय वायुसेना द्वारा सीमा उल्लंघन का आरोप लगा दिया है। यानी कि
उन्होंने स्वीकारा है कि भारतीय वायुसेना पीओके में घुसी थी।
भारतीय वायुसेना
ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एलओसी के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर
भारी भऱखम बम गिराए हैं। कितने भारी थे इसकी आधिकारिक घोषणा तो होगी ही। तड़के 3
या साढ़े 3 बजे चलाए गए ऑपरेशन में एयरफोर्स के कितने मिराज फाइटर प्लेन शामिल थे,
कितने लड़ाकू विमानों ने सीमा पार की, कितने विमानों ने बैक अप की भूमिका निभाई,
दूसरे कौन से संसाधन इस्तेमाल हुए थे, यह भी सेना या सरकार की प्रेस कोन्फरन्स में
कहा तो जाएगा। ऑपरेशन सफल रहा लेकिन सफलता कितनी मिली, कहां तक मिली, दुश्मन को कितना
नुकसान हुआ इसके लिए अभी आधिकारिक चीजें बाहर आएगी।
जानकारी के
मुताबिक पीओके स्थित बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद के आतंकी ठिकानों पर यह
बड़ी कार्रवाई हुई। जैश-ए-मोहम्मद का कंट्रोल रूम भी नष्ट होने की खबरें आई। यह पहली
घटना है जब शांतिकाल में पहली बार वायुसेना ने सरहद पार की हो। गुजरात में एयरफोर्स
स्टेशनों को स्टैंड टू रखा गया है। दूसरी सरहदों पर भी ऐसी ही तैयारियां की गई होगी
यह स्वाभाविक है। लाजमी है कि पाकिस्तानी सेना रिएक्शन दे सकती है। कैसा रिएक्शन
हो सकता है यह तो नहीं कहा जा सकता। कब देंगे वो भी नहीं कहा जा सकता। क्योंकि
एयरफोर्स द्वारा पीओके में जाकर बम गिराना सचमुच बड़ी कार्रवाई है। आधिकारिक घोषणा
के बाद कुछ अन्य जानकारियां बाहर आएगी।
लेकिन जब जब सेना
को इस तरह हथियारों के समेत बात करने के लिए सरहद पार भेजा जाए उसके बाद ही सरकार
टेबल पर बातचीत में अपने हिसाब से बातचीत कर सकती है। रही बात राजनीति की... वो तो
थी भी, होगी भी, और रहेगी भी।
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