आफत को अवसर में बदलना है। प्रधानमंत्री मोदी साबित कर रहे हैं कि उनकी हर बात
जुमला नहीं होती। वे आफत को अवसर में पलट रहे हैं। आतंकी हमला हो, सर्जिकल स्ट्राइक
हो या महामारी की त्रासदी हो, राजनीति किसी को नहीं करनी चाहिए, बस पीएम को ही करनी चाहिए! वैक्सीन का भले अता पता न हो, किंतु बिहार को ‘स्पेशल चुनावी ऑफर’ प्रदान करके बीजेपी और मोदीजी ने महामारी पर राजनीति की सार्वजनिक घोषणा कर दी
है! फिर भी शेष नेता यह याद ज़रूर रखे कि उन्हें महामारी के समय राजनीति नहीं करनी
है, यह एकाधिकार प्रधानमंत्री मोदीजी के पास ही है! उन्हें ही करनी है, बाकियों को नहीं! बीजेपी ने बिहार विधानसभा
चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र (Bihar
Manifesto) जारी कर दिया है। घोषणापत्र में बिहार की जनता को कोरोना वैक्सीन
फ्री (Free Corona Vaccine) देने की बात की गई है। बिहार की जनता के लिए यह अच्छी ख़बर है। महामारी पर राजनीति
नहीं करनी चाहिए, ऐसा उपदेश देशभर को बाँटते बाँटते पीएम मोदीजी की पार्टी महामारी पर सिर्फ राजनीति
ही नहीं कर रही, बल्कि राजनीति के स्तर को और ज्यादा गिराते जा रही है! बिहार की जनता के लिए
यह स्पेशल चुनावी ऑफर है! अब तक हमने SpecialElectionOfficer सुना था, यह SpecialElectionOffer है! महामारी और देश
के दूसरे राज्यों के प्रति कर्तव्य जाए भाड़ में! ऑफर में टर्म्स एंड कंडीशन लागू है!!!
यदि जीतते हैं तो, वाली शर्त लागू है! बोलो कितने करोड़ चाहिए, इतने करोड़, उतने करोड़, टाइप गज़ब कमतर स्तर का सार्वजनिक प्रदर्शन करके कुछ सालों पहले बिहार के लिए
करोड़ों के स्पेशल पैकेज की घोषणा करने वाले मोदीजी इस बार इस नयी घोषणा के समय पुरानी
घोषणा का क्या हुआ यह नहीं बता रहे।
वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार
अक्षय कुमारजी को इंटरव्यू देकर कभी न कभी इन बातों का जवाब दे देंगे प्रधानमंत्रीजी!
इस बार आमरस कैसे बनाया जाता है उसका भी फ्री ज्ञान बाँट देंगे! ठीक है? बिहार को ही फ्री वैक्सीन
क्यों, सवाल यह पूछा जा रहा है। जबकि सवाल यह होना चाहिए कि महामारी को लेकर इस प्रकार
की ओछी राजनीति क्यों? तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में भी ऐसी घोषणा की गई है! भारत के साथ मिलकर
इसी साल मार्च में महामारी की धमक के बीच लाखों लोगों को इक्ठ्ठा कर चुनावी जश्न मना
रहे ट्रंप के सामने खड़े उम्मीदवार जो बाइडेन ने भी कहा है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं
तो वह ये अनिवार्य करेंगे कि हर अमेरिकी नागरिक को कोरोनावायरस की वैक्सीन मुफ्त मिले।
इन्होंने हर अमेरिकी नागरिक के लिए वैक्सीन पॉलिटिक्स किया, भारत में विशेष इलाके
के लिए विशेष चुनावी ऑफर चल रही है। फ्री वैक्सीन की घोषणा
अच्छी बात है। लेकिन तब की जब किसी एक राज्य के चुनाव में वोट बटोरने हेतु न हो। महामारी
से समूचा भारत परेशान है। लेकिन वोट के बदले फ्री वैक्सीन दिए जाने की बात वहीं हो
रही है जहाँ से वोट बटोरने हैं! आफत में अवसर ढूंढने की इस राजनीतिक कला के बीच मूल सवाल होना चाहिए कि महामारी
के समय ऐसी राजनीति प्रधानमंत्री स्तर का नेतृत्व क्यों कर रहा है? लेकिन सवाल ‘प्रजा’ ही बदल रही है! ‘नागरिक’ अवाक होकर देखने को
मजबूर हैं। आगे जाकर यदि शेष प्रजा को भी फ्री वैक्सीन मिल जाती है तो फिर वे भी खुश
हो जाएँगे। मूल सवाल और फ्री वैक्सीन की ओछी राजनीति को गटक कर प्रजा खुशी के सूचकांक
में भारत को आगे बढ़ा देगी! देश की वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के लिए बीजेपी का यह मेनिफेस्टो जारी किया। मेनिफेस्टो
में कहा गया कि हर बिहारवासी को निशुल्क टीकाकरण मुहैया कराएँगे। प्रधानमंत्री मोदी
ने महामारी पर राजनीति की खुल्लम खुल्ला शुरुआत कर वातावरण को पूरी तरह प्रचार के मोड
में ला दिया है! निर्मला सीतारमण ने बिहार की जनता को बताया कि जैसे ही कोविड-19 वैक्सीन
का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा, बिहार में हर शख्स को फ्री वैक्सीन मिलेगा, हमारे चुनावी मेनिफेस्टो में यह हमारा पहला वादा है।
बीजेपी के जीतने
के बाद भी आप उनसे पूछ नहीं सकते। क्योंकि इन्होंने यह जोड़कर कहा है कि प्रोडक्शन
बड़े स्तर पर शुरू हो जाएगा तब! यानी संभावना यह
भी है कि पहले से आप को वैक्सीन फ्री नहीं भी मिलेगा। यदि बीजेपी को वोट
करते हैं और बीजेपी जीतती है तो फ्री वैक्सीन!!! कोरोना पॉलिटिक्स का बाकायदा शुभारंभ!!!
क्योंकि अब तक जो राजनीति होती रही कोरोना महामारी को लेकर, वह आधिकारिक नहीं
थी! प्रधानमंत्री मोदीजी ने इसे आधिकारिक बना दिया है! गैर बीजेपी शासित राज्यों
का क्या, यह पूछा जा रहा है। जब आफत को अवसर में बदलने का एलान मोदीजी ने कर ही दिया है
तो फिर गैर बीजेपी शासित राज्यों को भी यह करना पड़ेगा। वह नहीं करेंगे तो केंद्र खुद
ही कर देगा। क्योंकि कोरोना प्रबंधन में केंद्र सरकार का काम उतना श्रेष्ठ नहीं रहा
है अब तक। मुश्किले और दिक्कतें आएगी तो पूरे देश को फ्री वैक्सीन दे देंगे। घर के
पैसे से थोड़ी न देनी है? देश के पैसे से ही तो देश को देनी है! आने वाला टीका भले देश का हो, फिलहाल तो बीजेपी
का ही है न! और इसकी झलक केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के जवाब में दिखाई दी। सवालों के जवाब देते हुए
उन्होंने कहा कि, “कोरोना वैक्सीन पूरे विश्व में तैयार की जा रही है। जब यह बन जाएगी, तो हमने इसके समान
बंटवारे के लिए एक विस्तृत प्लान बनाया है। किसको प्राथमिकता देनी है, वगैरह वगैरह। हर राज्य
को कोरोना वायरस वैक्सीन फ्री में मिलेगी।”
उधर एक दूसरे केंद्रीय
मंत्री प्रताप सारंगी एक उपचुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं
से कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि देश के सभी लोगों को कोविड
19 का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति पर करीब 500 रुपये खर्च होंगे। Corona & Testing Kits : दुनिया अपने नागरिकों का टेस्टिंग कर रही थी... हम टेस्टिंग किट के टेस्ट में ही अटके हुए थे!!! यहाँ यह नोट करना ज़रूरी
है कि मंत्रीजी हर राज्य को फ्री वैक्सीन की बात करते हैं,उनके दूसरे नेता हर राज्य को औसत मूल्य पर वैक्सीन दी जाएगी,वाली बात करते हैं!!! वह हिस्सा आगे देखेंगे। केंद्रीय मंत्री की माने तो,जब हर राज्य को कोरोना
वायरस वैक्सीन फ्री मिलनी है तो इस खुशखबर की घोषणा प्रधानमंत्री मोदीजी राष्ट्र के
नाम संबोधन में क्यों नहीं करते?क्या उनका राष्ट्र
के नाम संबोधन थाली ताली दिया बाती के लिए ही है?छोटे मोटे प्रलापों को आलापने वाले मोदीजी
समूचे देश के बारे में इतनी महत्वपूर्ण बात को लेकर राष्ट्र को संबोधित नहीं करते हैं!
बस उनका राज्य स्तर का मंत्री एक छोटे से पैरा में देश के लिए इतनी बड़ी बात को शांत
भाव से बता देता है! कमाल है न?वर्ना यूं तो मोदीजी
ऐसी किसी छोटी मोटी चीज़ को नहीं छोड़ते! इतनी बड़ी खुशखबरी को मोदीजी ने नहीं बताया,ना राष्ट्र के नाम संबोधन किया,ना ट्वीट किया,यह मोदीजी का त्याग ही समझ लीजिए। शायद बिहार में चुनाव
जीतना ज़रूरी है और चुनाव जीतने के लिए हर उस निम्न स्तर को छूना ज़रूरी है,जो वोट के नजरिए से सेहतमंद हो। तभी तो समूचे देश को वैक्सीन
फ्री मिलेगी की घोषणा राज्य स्तर का मंत्री शांत भाव से कर लेता है,लेकिन यदि हम जीतते हैं तो बिहार को फ्री वैक्सीन देंगे वाला
हिस्सा राज्य स्तर के मंत्री के उस बयान से भी ज्यादा बड़ा बनाया जाता है!!! प्रधानमंत्री मोदी
ने बिहार चुनाव में वैक्सीन पॉलिटिक्स (Vaccine
Politics)करके महसूस करा दिया है कि केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन देश के लोगों की जान बचाने
के लिए जितनी ज़रूरी है,उससे कहीं ज्यादा ज़रूरी अपनी चुनावी राजनीति
के लिए है। वे लोगों के सामने वैक्सीन को भी एक लोलीपोप की तरह सामने रख रहे हैं! वैक्सीन
तो लोगों का अधिकार होना चाहिए,चुनावी शर्त नहीं।
निर्मला सीतारमणजी
एलान तो ऐसे करती हैं,जैसे कि फ्री वैक्सीन का पैसा बीजेपी अपने
चुनावी फंड से देने वाली हो! क्या करे?आफत को अवसर में बदलना भी ज़रूरी है! महामारी
को लेकर डर का थोड़ा बहुत माहौल है। लोगों को अपने जान की फिक्र है। इस अवसर का भी
लाभ उठाना ज़रूरी है। वर्ना चुनावी राजनीति के इतिहास में बीजेपी का नाम आगे कैसे रहेगा? दरअसल यह प्रधानमंत्री
स्तर से और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की चौखट से लोअर लेवल के कोविड पॉलिटिक्स की आधिकारिक
शुरुआत है! देश के विभाजन के बाद जिस प्रकार की त्रासदी इन दिनों सड़कों पर देखने को
मिली,जिस प्रकार से सैकड़ों मजदूर यहाँ वहाँ घूमने
को मजबूर हुए,उनमें बिहार की भी जनता थी। वह पीड़ा बिहार
ने भी झेली। स्पेशल ऑफर बिहार को इसलिए मिला,क्योंकि बीजेपी हर उस पैतरे को चुनाव में
आजमाती है,जो उसे ठीक लगता हो। देखिए न। बिहार में
वैक्सीन पॉलिटिक्स का बवाल शांत नहीं हुआ है अभी,उधर मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फ्री वैक्सीन का
चुनावी कार्ड खेल दिया है! उन्होंने भी कहा है कि मध्य प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को
वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। यूं तो उपचुनावों में
घोषणापत्र जारी करने की परंपरा नहीं है। लेकिन आफत को अवसर में बदलने का आह्वान बहुत
ऊपर से हुआ हो तो फिर गलत ही क्या है? Corona Numbers Game : आँकड़े छिपाना और टेस्टिंग कम करना, क्या भारत इन दो चीजों के जरिए भी कोरोना से लड़ता रहा?
तमिलनाडु में अगले
साल विधानसभा चुनाव है, वहाँ मुख्यमंत्री ई पलनीस्वामी ने कहा है कि कोविड-19 का वैक्सीन एक बार बन कर
तैयार हो जाए, राज्य के हर नागरिक को यह मुफ़्त में मिलेगा। मोदी-शाह के आशीर्वाद से बीजेपी ने कोरोना की लड़ाई को चुनावी राजनीति से जोड़कर
पूरी मुहीम को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है!!! ‘प्रजा’मूल सवाल नहीं पूछ रही! बिहार को ही क्यों,दूसरे राज्यों को क्यों नहीं,यह सवाल मूल समझ को कहीं और ले जाने की चालाकी
है। एक वह भारत था जहाँ नारा हुआ करता था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
आज के भारत में नारा है कि तुम मुझे वोट दो,मैं तुम्हें फ्री वैक्सीन दूंगा! खुद को महानायक और
इतिहास का अद्भुत अवतार बताने वाले प्रधानमंत्री मोदीजी से मूल सवाल तो यह होना चाहिए
कि ऐसी महामारी में फ्री वैक्सीन का वादा किसी एक राज्य के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा
कैसे हो सकता है?फ्री वैक्सीन देना केंद्र का कर्तव्य है।
महामारी में यह नागरिकों का अधिकार है।
बिहार में वैक्सीन
पॉलिटिक्स का मतलब साफ है। वोटरों को इस बात के लिए मजबूर किया जा रहा है कि वे बीजेपी
को वोट दें। अगर वे वोट नहीं देते हैं और बीजेपी सत्ता में नहीं आती है तो दूसरे लोग
वैक्सीन फ्री नहीं देगे,यह वाला नैरेटिव बनाने की भद्दी कोशिश है!
निर्मला सीतारमणजी ने जो कहा उसके मुताबिक यह उनके मेनिफेस्टो का पहला बिंदु है। जताने
की कोशिश यह कि यदि हम हार गए तो फ्री वैक्सीन वाला ऑफर खत्म हो जाएगा!!! मोदी सरकार दावा करती
रही है कि उसने दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों को दवाएं उपलब्ध करायीं,कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल उपकरण आदि भी भिजवाए। फिर अपनी
ही जनता को कोरोना फ्री वैक्सीन देने का वादा करने में मोदी सरकार को संकोच क्यों हो
रहा है?यह घोषणा अब तक हो जानी चाहिए थी। मगर घोषणा
हुई भी तो सिर्फ बिहार के लिए। क्यों?क्योंकि वहां चुनाव है! चुनाव नहीं होता तो
बिहार के लोगों को भी कोरोना फ्री वैक्सीन देने की घोषणा नहीं की जाती। ‘आपदा को अवसर’में बदलने का इससे बड़ा उदाहरण नहीं मिलेगा। कोरोना से लड़ाई पूरे
देश ने लड़ी। जान देश के हर सूबे में गयी। कइयों ने अपनी जान दाँव पर लगाकर दूसरों
की जान बचायी। कोरोना संक्रमण के मामले में आज की स्थिति में हम दुनिया में दूसरे नंबर
पर है। वही दो देश आगे हैं,जो मार्च महीने में स्टेडियम में लाखों लोगों
को इक्ठ्ठा कर चुनावी प्रचार का जश्न मना रहे थे!!! Corona & Government Blunders : यदि भारत के वे नागरिक समाज के अपराधी हैं तो फिर भारत सरकार उस सामाजिक अपराध की आका है
ऐसी महामारी के समय
चुनावी घोषणापत्र में फ्री वैक्सीन का संबंध राजनीति से ही है। जब कोरोना से लड़ाई
पूरे देश ने लड़ी हो तब यह तमाम नागरिकों का अधिकार है। केंद्र का परम कर्तव्य भी है।
लेकिन मोदीजी ही अधिकारों और कर्तव्यों को वोट की लालच से जोड़ सकते हैं! महामारी के
इस भीषण दौर में इलाज को राजनीति से जोड़ने के लिए मोदीजी को इतिहास में स्थान ज़रूर
मिलना चाहिए। चुनाव आयोग से सवाल पूछने की मेहनत मत करिएगा। ढेर सारे नियमों को बता कर समझा
दिया जाएगा कि यह मतदाताओं को प्रलोभन नहीं है! हर किसी को अशोक लवासा नहीं बनना है
यहाँ! हर कोई टीएन शेषन नहीं बनना चाहता! टीएन शेषन और अशोक लवासा को छोड़िए, ‘प्रजा’ही ‘नागरिक’नहीं बनना चाहती तो फिर दूसरी बातें करना
बेकार है। चुनावी घोषणापत्र में
एक राज्य की जनता को यदि जीतेंगे तो फ्री वैक्सीन देंगे जैसी बात डालकर मोदीजी ने लोगों
की जान-माले से जुड़े अत्यंत संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण कर दिया है! स्वास्थ्य राज्यमंत्री विस्तृत प्लान की बात करते हैं,लेकिन छोटी मोटी बातों पर देश को संबोधित करने के शौकीन मोदीजी
हो या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हो,किसीने भी इस विस्तृत प्लान की छोटी सी भी
बात से देश को अवगत कराना ज़रूरी नहीं समझा है अब तक!!! उस मसले पर तो चुप्पी है अब तक!
हमने ऊपर केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के जवाब को देखा। फिर एक बार देख लेते हैं उस जवाब
को। उन्होंने कहा कि, “कोरोना वैक्सीन पूरे विश्व में तैयार की जा रही है। जब यह बन जाएगी, तो हमने इसके समान
बंटवारे के लिए एक विस्तृत प्लान बनाया है। किसको प्राथमिकता देनी है,वगैरह वगैरह। हर राज्य को कोरोना वायरस वैक्सीन फ्री में मिलेगी।” केंद्रीय मंत्री प्रताप
सारंगी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि पूरे देश में फ्री वैक्सीन मिलेगी।
प्रधानमंत्री की ये घोषणा अब तक बाकायदा तो नहीं हुई है, लेकिन उनके हवाले से
सारंगीजी ने एलान ज़रूर किया है!
Corona Fake News : दिग्गज नेता या सेलिब्रिटीज सरीखे महानुभाव ही क्यों फेक न्यूज़ साझा कर रहे हैं? अब इसके सामने बीजेपी
के नेता अमित मालवीय,यूं कहे कि फेक न्यूज़ फैकट्री के मैनेजर,का बयान सुन लीजिए। ये महाशय कहते हैं, “बीजेपी का मेनिफेस्टो
फ्री कोविड वैक्सीन का वादा करता है। हर कार्यक्रम की तरह केंद्र भी सारे राज्यों को
एक औसत मूल्य पर वैक्सीन देगा। यह राज्य सरकारों को तय करना है कि वो इसे फ्री में
देंगी या बेचेंगी। चूंकि स्वास्थ्य राज्य का मुद्दा है,ऐसे में बिहार बीजेपी ने इसे फ्री में देने का वायदा किया है।
सिंपल।” बयानों का मूल फर्क देख लीजिए। सिंपल सी बात कितनी सिंपल है पता चल जाएगा। केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्यमंत्री कहते हैं कि हर राज्य को कोरोना वायरस वैक्सीन फ्री में मिलेगी।
एक दूसरे केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि मोदीजी ने घोषणा की है कि देशभर में वैक्सीन
फ्री दी जाएगी। जबकि छोटी मोटी चीजों को लेकर राष्ट्र को संबोधित करने के शौकीन मोदीजी
ने खुद ही इतनी बड़ी खुशखबरी वाली घोषणा नहीं की है अब तक! बिहार को फ्री वैक्सीन की घोषणा तो आधिकारिक ढंग से कर दी गई थी! उधर इनके नेता, जिन्हें खुद पीएम फॉलो किया करते हैं सोशल मीडिया पर,वे कहते हैं कि हर कार्यक्रम की तरह केंद्र
भी सारे राज्यों को औसत मूल्य पर वैक्सीन देगा! बयानों में जो फर्क है वह देखकर यदि आप नागरिक हैं तो समज जाइए। सिंपल! भारत सरकार ने कोविड
महामारी को लेकर सारी चीजें अपने हाथों में ली हुई हैं। नोट करें कि कुछ बुरा होता
है तो राज्यों पर ठीकरा फोड़ना है,वर्ना यूं तो कोविड पर कंट्रोल सेंटर का ही
है,स्टेट का नहीं! केंद्र सरकार ने देश को कोरोना वैक्सीन के बारे
में कुछ भी बताया नहीं है। आधिकारिक रूप से देश के पास कोई जानकारी नहीं है वैक्सीन
को लेकर। लेकिन वैक्सीन बिहार में फ्री होगी,यदि जीतते हैं तो वाली शर्त के साथ,यह पता है!
पेट्रोल डीज़ल छोड़ो,देश की मूल समस्याओं पर सोचो! मंदी को न देखो,मोदी को देखो! जान है तो जहान है। चुनाव आ रहे हैं,चुनाव में ही तो बसी मेरी जान है! देखिए,बिहार को फ्री वैक्सीन का चुनावी वायदा कोरोना
वायरस के विरुद्ध वैज्ञानिक और मानसिक जंग है! जिस देश के बहुधा लोगों के पास टेस्ट कराने के पैसे जेब में नहीं बचे हैं,उन्हें यदि कहा जाए कि आपको वैक्सीन फ्री मिलेगा,तो सोचिए कि वायरस से डर का खात्मा हो जाएगा! दुनिया डर रही होगी, बिहार बेखौफ हो जाएगा! बिहार में यह वैज्ञानिक
लड़ाई काम आई तो आगे और भी चुनाव हैं! वहाँ भी यही वैज्ञानिक पद्धति आजमाकर दूसरे राज्यों को भी कोरोना से मुक्त करा
देंगे! चुनाव जीतना ही हमारा लक्ष्य नहीं है,देश सेवा जैसा भी कुछ होता है न!!! मोदीजी देश को विश्वगुरु
बनाने आए हैं। मुझे नहीं पता कि कांग्रेस वालों ने पोलियो,चेचक,प्लेग आदि के टीके को लेकर ऐसे स्पेशल ऑफर
निकाले थे या नहीं! जानने के लिए मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है। आईटी सेल वाले इतिहास
को खंगाल ही रहे होंगे! फिलहाल जो इतिहास है वह तो यही दर्शाता है कि ऐसा पहली बार
है कि अभी लॉन्च हुए बिना ही कोरोना वैक्सीन को किसी राजनीतिक पार्टी ने अपने चुनावी
मेनिफेस्टो में शामिल किया है! हमारे यहाँ तो आज ही गुजरात में हमारे मुख्यमंत्री विजय रुपाणीजी ने तो एलान कर
दिया है कि कोरोना वैक्सीन जनवरी-फरवरी 2021 तक आ जाएगी। आज कल कमाल के ऊपर कमाल हो
रहे हैं!!! देशभर के लोगों को वैक्सीन फ्री दी जाएगी वाला बेहद ज़रूरी एलान राज्य मंत्री
स्तर के लोग शांत भाव से कर देते हैं, बेचारा राष्ट्र के नाम संबोधन चुपचाप देखता रहता है!!! देश की वैक्सीन कब आएगी
यह खुशखबर प्रधानमंत्री नहीं देते, एक राज्य के मुख्यमंत्री दे जाते हैं!!! जो भी हो,चुनावी घोषणापत्र में
महामारी और उसके इलाज को जोड़ने के लिए हमारे शीर्ष नेतृत्व को बधाई तो देनी ही चाहिए! आफत को अवसर में बदलना नहीं है बल्कि पलट देना है,यह राजनीतिक संदेश देशभर के दलों को मिल गया है! फिर भी वे राजनीति ना करें। उनकी राजनीति भारत को पीछे ले जाएगी,इनकी आगे! संबित पात्रा कह सकते हैं देखिए इसमें दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली बात यह कि
बात बिहार की हो रही है। और दूसरी बात यह कि बिहार के लिए बात हो रही है। बातों बातों
में बातें होती रहेगी! बिहार,तमिलनाडु और मध्य प्रदेश
को मुफ्त वैक्सीन देने की बात करते करते दिल्लीवासियों के वोट बीजेपी को नहीं मिले
तो उन्हें मुफ्तखोर कहने की हिम्मत भी बीजेपी दिखा देगी! आफत को अवसर में पलटना है
तो राजनीति के जरिए ही पलटना है! भारत की जनता फ्री मास्क,फ्री सैनिटाइज़र वगैरह की माँग ना करें,यह मुफ्तखोरी है। टीका मुफ्त मिलना चुनावी राज्यों की जनता का
विशेषाधिकार है,बाकी के राज्य इंतज़ार
करें। राजनीति है,कभी न कभी तो उन पर
भी आशीर्वाद और कहर,दोनों बरसाएगी।
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