आफत को अवसर में बदलना है। प्रधानमंत्री मोदी साबित कर रहे हैं कि उनकी हर बात
जुमला नहीं होती। वे आफत को अवसर में पलट रहे हैं। आतंकी हमला हो, सर्जिकल स्ट्राइक
हो या महामारी की त्रासदी हो, राजनीति किसी को नहीं करनी चाहिए, बस पीएम को ही करनी चाहिए!
वैक्सीन का भले अता पता न हो, किंतु बिहार को ‘स्पेशल चुनावी ऑफर’ प्रदान करके बीजेपी और मोदीजी ने महामारी पर राजनीति की सार्वजनिक घोषणा कर दी
है! फिर भी शेष नेता यह याद ज़रूर रखे कि उन्हें महामारी के समय राजनीति नहीं करनी
है, यह एकाधिकार प्रधानमंत्री मोदीजी के पास ही है! उन्हें ही करनी है, बाकियों को नहीं!
बीजेपी ने बिहार विधानसभा
चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र (Bihar
Manifesto) जारी कर दिया है। घोषणापत्र में बिहार की जनता को कोरोना वैक्सीन
फ्री (Free Corona Vaccine) देने की बात की गई है। बिहार की जनता के लिए यह अच्छी ख़बर है। महामारी पर राजनीति
नहीं करनी चाहिए, ऐसा उपदेश देशभर को बाँटते बाँटते पीएम मोदीजी की पार्टी महामारी पर सिर्फ राजनीति
ही नहीं कर रही, बल्कि राजनीति के स्तर को और ज्यादा गिराते जा रही है!
बिहार की जनता के लिए
यह स्पेशल चुनावी ऑफर है! अब तक हमने Special Election Officer सुना था, यह Special Election Offer है! महामारी और देश
के दूसरे राज्यों के प्रति कर्तव्य जाए भाड़ में! ऑफर में टर्म्स एंड कंडीशन लागू है!!!
यदि जीतते हैं तो, वाली शर्त लागू है! बोलो कितने करोड़ चाहिए, इतने करोड़, उतने करोड़, टाइप गज़ब कमतर स्तर का सार्वजनिक प्रदर्शन करके कुछ सालों पहले बिहार के लिए
करोड़ों के स्पेशल पैकेज की घोषणा करने वाले मोदीजी इस बार इस नयी घोषणा के समय पुरानी
घोषणा का क्या हुआ यह नहीं बता रहे।
वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार
अक्षय कुमारजी को इंटरव्यू देकर कभी न कभी इन बातों का जवाब दे देंगे प्रधानमंत्रीजी!
इस बार आमरस कैसे बनाया जाता है उसका भी फ्री ज्ञान बाँट देंगे! ठीक है?
बिहार को ही फ्री वैक्सीन
क्यों, सवाल यह पूछा जा रहा है। जबकि सवाल यह होना चाहिए कि महामारी को लेकर इस प्रकार
की ओछी राजनीति क्यों? तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में भी ऐसी घोषणा की गई है!
भारत के साथ मिलकर
इसी साल मार्च में महामारी की धमक के बीच लाखों लोगों को इक्ठ्ठा कर चुनावी जश्न मना
रहे ट्रंप के सामने खड़े उम्मीदवार जो बाइडेन ने भी कहा है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं
तो वह ये अनिवार्य करेंगे कि हर अमेरिकी नागरिक को कोरोनावायरस की वैक्सीन मुफ्त मिले।
इन्होंने हर अमेरिकी नागरिक के लिए वैक्सीन पॉलिटिक्स किया, भारत में विशेष इलाके
के लिए विशेष चुनावी ऑफर चल रही है।
फ्री वैक्सीन की घोषणा
अच्छी बात है। लेकिन तब की जब किसी एक राज्य के चुनाव में वोट बटोरने हेतु न हो। महामारी
से समूचा भारत परेशान है। लेकिन वोट के बदले फ्री वैक्सीन दिए जाने की बात वहीं हो
रही है जहाँ से वोट बटोरने हैं!
आफत में अवसर ढूंढने की इस राजनीतिक कला के बीच मूल सवाल होना चाहिए कि महामारी
के समय ऐसी राजनीति प्रधानमंत्री स्तर का नेतृत्व क्यों कर रहा है? लेकिन सवाल ‘प्रजा’ ही बदल रही है! ‘नागरिक’ अवाक होकर देखने को
मजबूर हैं। आगे जाकर यदि शेष प्रजा को भी फ्री वैक्सीन मिल जाती है तो फिर वे भी खुश
हो जाएँगे। मूल सवाल और फ्री वैक्सीन की ओछी राजनीति को गटक कर प्रजा खुशी के सूचकांक
में भारत को आगे बढ़ा देगी!
देश की वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने बिहार चुनाव के लिए बीजेपी का यह मेनिफेस्टो जारी किया। मेनिफेस्टो
में कहा गया कि हर बिहारवासी को निशुल्क टीकाकरण मुहैया कराएँगे। प्रधानमंत्री मोदी
ने महामारी पर राजनीति की खुल्लम खुल्ला शुरुआत कर वातावरण को पूरी तरह प्रचार के मोड
में ला दिया है! निर्मला सीतारमण ने बिहार की जनता को बताया कि जैसे ही कोविड-19 वैक्सीन
का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा, बिहार में हर शख्स को फ्री वैक्सीन मिलेगा, हमारे चुनावी मेनिफेस्टो में यह हमारा पहला वादा है। बीजेपी के जीतने
के बाद भी आप उनसे पूछ नहीं सकते। क्योंकि इन्होंने यह जोड़कर कहा है कि प्रोडक्शन
बड़े स्तर पर शुरू हो जाएगा तब! यानी संभावना यह
भी है कि पहले से आप को वैक्सीन फ्री नहीं भी मिलेगा।
यदि बीजेपी को वोट
करते हैं और बीजेपी जीतती है तो फ्री वैक्सीन!!! कोरोना पॉलिटिक्स का बाकायदा शुभारंभ!!!
क्योंकि अब तक जो राजनीति होती रही कोरोना महामारी को लेकर, वह आधिकारिक नहीं
थी! प्रधानमंत्री मोदीजी ने इसे आधिकारिक बना दिया है!
गैर बीजेपी शासित राज्यों
का क्या, यह पूछा जा रहा है। जब आफत को अवसर में बदलने का एलान मोदीजी ने कर ही दिया है
तो फिर गैर बीजेपी शासित राज्यों को भी यह करना पड़ेगा। वह नहीं करेंगे तो केंद्र खुद
ही कर देगा। क्योंकि कोरोना प्रबंधन में केंद्र सरकार का काम उतना श्रेष्ठ नहीं रहा
है अब तक। मुश्किले और दिक्कतें आएगी तो पूरे देश को फ्री वैक्सीन दे देंगे। घर के
पैसे से थोड़ी न देनी है? देश के पैसे से ही तो देश को देनी है! आने वाला टीका भले देश का हो, फिलहाल तो बीजेपी
का ही है न!
और इसकी झलक केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के जवाब में दिखाई दी। सवालों के जवाब देते हुए
उन्होंने कहा कि, “कोरोना वैक्सीन पूरे विश्व में तैयार की जा रही है। जब यह बन जाएगी, तो हमने इसके समान
बंटवारे के लिए एक विस्तृत प्लान बनाया है। किसको प्राथमिकता देनी है, वगैरह वगैरह। हर राज्य
को कोरोना वायरस वैक्सीन फ्री में मिलेगी।”
उधर एक दूसरे केंद्रीय
मंत्री प्रताप सारंगी एक उपचुनाव के लिए एक सभा को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं
से कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि देश के सभी लोगों को कोविड
19 का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति पर करीब 500 रुपये खर्च होंगे।
Corona & Testing Kits : दुनिया अपने नागरिकों का टेस्टिंग कर रही थी... हम टेस्टिंग किट के टेस्ट में ही अटके हुए थे!!!
यहाँ यह नोट करना ज़रूरी
है कि मंत्रीजी हर राज्य को फ्री वैक्सीन की बात करते हैं, उनके दूसरे नेता हर राज्य को औसत मूल्य पर वैक्सीन दी जाएगी, वाली बात करते हैं!!! वह हिस्सा आगे देखेंगे।
केंद्रीय मंत्री की माने तो, जब हर राज्य को कोरोना
वायरस वैक्सीन फ्री मिलनी है तो इस खुशखबर की घोषणा प्रधानमंत्री मोदीजी राष्ट्र के
नाम संबोधन में क्यों नहीं करते? क्या उनका राष्ट्र
के नाम संबोधन थाली ताली दिया बाती के लिए ही है? छोटे मोटे प्रलापों को आलापने वाले मोदीजी
समूचे देश के बारे में इतनी महत्वपूर्ण बात को लेकर राष्ट्र को संबोधित नहीं करते हैं!
बस उनका राज्य स्तर का मंत्री एक छोटे से पैरा में देश के लिए इतनी बड़ी बात को शांत
भाव से बता देता है! कमाल है न? वर्ना यूं तो मोदीजी
ऐसी किसी छोटी मोटी चीज़ को नहीं छोड़ते! इतनी बड़ी खुशखबरी को मोदीजी ने नहीं बताया, ना राष्ट्र के नाम संबोधन किया, ना ट्वीट किया, यह मोदीजी का त्याग ही समझ लीजिए।
शायद बिहार में चुनाव
जीतना ज़रूरी है और चुनाव जीतने के लिए हर उस निम्न स्तर को छूना ज़रूरी है, जो वोट के नजरिए से सेहतमंद हो। तभी तो समूचे देश को वैक्सीन
फ्री मिलेगी की घोषणा राज्य स्तर का मंत्री शांत भाव से कर लेता है, लेकिन यदि हम जीतते हैं तो बिहार को फ्री वैक्सीन देंगे वाला
हिस्सा राज्य स्तर के मंत्री के उस बयान से भी ज्यादा बड़ा बनाया जाता है!!!
प्रधानमंत्री मोदी
ने बिहार चुनाव में वैक्सीन पॉलिटिक्स (Vaccine
Politics) करके महसूस करा दिया है कि केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन देश के लोगों की जान बचाने
के लिए जितनी ज़रूरी है, उससे कहीं ज्यादा ज़रूरी अपनी चुनावी राजनीति
के लिए है। वे लोगों के सामने वैक्सीन को भी एक लोलीपोप की तरह सामने रख रहे हैं! वैक्सीन
तो लोगों का अधिकार होना चाहिए, चुनावी शर्त नहीं।
निर्मला सीतारमणजी
एलान तो ऐसे करती हैं, जैसे कि फ्री वैक्सीन का पैसा बीजेपी अपने
चुनावी फंड से देने वाली हो! क्या करे? आफत को अवसर में बदलना भी ज़रूरी है! महामारी
को लेकर डर का थोड़ा बहुत माहौल है। लोगों को अपने जान की फिक्र है। इस अवसर का भी
लाभ उठाना ज़रूरी है। वर्ना चुनावी राजनीति के इतिहास में बीजेपी का नाम आगे कैसे रहेगा?
दरअसल यह प्रधानमंत्री
स्तर से और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की चौखट से लोअर लेवल के कोविड पॉलिटिक्स की आधिकारिक
शुरुआत है! देश के विभाजन के बाद जिस प्रकार की त्रासदी इन दिनों सड़कों पर देखने को
मिली, जिस प्रकार से सैकड़ों मजदूर यहाँ वहाँ घूमने
को मजबूर हुए, उनमें बिहार की भी जनता थी। वह पीड़ा बिहार
ने भी झेली। स्पेशल ऑफर बिहार को इसलिए मिला, क्योंकि बीजेपी हर उस पैतरे को चुनाव में
आजमाती है, जो उसे ठीक लगता हो।
देखिए न। बिहार में
वैक्सीन पॉलिटिक्स का बवाल शांत नहीं हुआ है अभी, उधर मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फ्री वैक्सीन का
चुनावी कार्ड खेल दिया है! उन्होंने भी कहा है कि मध्य प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को
वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी।
यूं तो उपचुनावों में
घोषणापत्र जारी करने की परंपरा नहीं है। लेकिन आफत को अवसर में बदलने का आह्वान बहुत
ऊपर से हुआ हो तो फिर गलत ही क्या है?
Corona Numbers Game : आँकड़े छिपाना और टेस्टिंग कम करना, क्या भारत इन दो चीजों के जरिए भी कोरोना से लड़ता रहा?
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